कोलकाता : एक बार फिर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था पर सवाल खड़े करने वाला मामला सामने आया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार मामला मेडिकल कॉलेज का है जहाँ एक माँ अपने बच्चे के स्वैब टेस्ट की रिपोर्ट के लिए पिछले 5 दिनों से चक्कर लगा रही है। महिला गिरीश पार्क इलाके की रहने वाली बतायी गयी है। जानकारी में पता चला है कि महिला के 17 वर्षीय बेटे को बुखार होने के बाद गत 3 जुलाई को मेडिकल कॉलेज लाया गया था। यहाँ डॉक्टर ने महिला को कई टेस्ट का सुझाव दिया जिसमें कोरोना टेस्ट भी शामिल था। आरोप है कि उस दिन 40 लोगों की कोरोना टेस्ट की बुकिंग हो चुकी थी इसीलिए उक्त महिला के बेटे की कोरोना जाँच नहीं की गयी। इसके बाद गत 4 जुलाई को उसके बेटे का कोरोना टेस्ट हुआ।
आऱोप है कि टेस्ट को 10 दिन बीत जाने के बाद भी उसे उसके बेटे की रिपोर्ट नहीं मिली है। पिछले 5 दिनों से महिला अस्पताल के चक्कर लगा रही है लेकिन उसे कभी इस विभाग तो कभी उस विभाग में भेजा जा रहा है। वहीं बच्चे की रिपोर्ट नहीं मिलने से परिवार वालों में भी परेशानी बढ़ रही है। इस घटना से भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पहला सवाल यदि बच्चे कि रिपोर्ट नहीं मिलती है और अगर सही समय पर बच्चे का इलाज नहीं होता है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। साथ ही परिवार को हो रही परेशानी का दायित्व किसका है। सूत्रों की मानें तो राज्य की चिकित्सा व्यवस्था को लेकर परिजनों में रोष है।