Women Reservation Bill: नई संसद में पेश हुआ महिला आरक्षण बिल, जानें विधेयक की 10 अहम बातें

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Parliament Special Session: संसद के विशेष सत्र (Parliament Special Session) का आज दूसरा दिन था. नई संसद भवन से शुरू विशेष सत्र के दूसरे दिन लोकसभा की कार्यवाही के दौरान मोदी सरकार ने नई संसद में अपना पहला बिल पेश किया. ये पहला बिल महिला आरक्षण विधेयक (Women Reservation Bill) है. इस बिल को मोदी सरकार ने ”नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक” नाम दिया है.

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल (Law Minister Arjun Ram Meghwal) ने इस बिल को लोकसभा में पेश किया. बिल को पेश करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, यह बिल महिला सशक्तिकरण के संबंध में है. संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023 में तीन नए अनुच्छेद और एक नए खंड को शामिल किया गया है.

1- नया अनुच्छेद – 330ए: लोकसभा में एससी और एसटी महिलाओं के लिए आरक्षण, एससी-एसटी के लिए आरक्षित सीटों में से 1/3 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. वहीं लोकसभा में सीधे चुनाव द्वारा भरी जाने वाली कुल सीटों में से 1/3 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी.

A- एससी-एसटी महिलाओं को अलग से आरक्षण नहीं मिलेगा. एससी एसटी महिला के लिए आरक्षण की व्यवस्था आरक्षण के भीतर ही की गई है. सरल शब्दों में समझे तो लोकसभा और विधानसभाओं में जितनी सीटें एससी-एसटी वर्ग के लिए आरक्षित हैं. उसी में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा. लोकसभा में 84 सीटें एससी और 47 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं. इस बिल के कानून बनने के बाद एससी के रिजर्व 84 सीटों में 28 महिलाओं के अरक्षित होंगी, वहीं 47 एसटी सीटों में 16 सीटें महिलाओं को देनी होगीं.

B- इस बिल के कानून बनने के बाद लोकसभा में महिला सदस्यों के लिए 181 सीटें महिलाएं के लिए रिजर्व हो जाएंगी। अभी सदन में महिलाओं की संख्या 82 है.

2- 239एए : दिल्ली विधानसभा में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित की जाएंगी. अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों में से 1/3 महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी, सीटों की कुल संख्या का 1/3 प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा भरी जाएंगी. बाकी सीटें संसद द्वारा निर्धारित कानून के माध्यम से महिलाओं के लिए आरक्षित होगीं. दिल्ली विधानसभा की 70 में से 23 सीटें महिलाओं के लिए रहेंगी.

3- नया अनुच्छेद – 332ए: प्रत्येक राज्य विधान सभा में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटें, एससी और एसटी के लिए आरक्षित सीटों में से 1/3 एससी और एसटी महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. सीधे चुनाव द्वारा भरी जाने वाली कुल सीटों में से 1/3 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी.

4- नया अनुच्छेद – 334ए: पहली जनगणना के प्रासंगिक आंकड़े प्रकाशित होने के बाद परिसीमन किए जाने के बाद ये आरक्षण लागू होगा. परिसीमन की प्रत्येक प्रक्रिया के बाद महिलाओं के लिए सीटों का चक्रण प्रभावी होगा.

5- केंद्र सरकार ने महिला आरक्षण विधेयक का नाम ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ दिया गया है.

6- इस बिल के तहत लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण 15 साल तक मिलेगा. 15 साल बाद महिलाओं के इस आरक्षण को और आगे बढ़ाना है तो सदन के पटल पर फिर से बिल के पेश करना होगा.

7- राज्यसभा और जिन राज्यों में विधान परिषद की व्यवस्था है, वहां महिला आरक्षण लागू नहीं होगा.

8- लोकसभा में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षण की व्यवस्था नहीं है.

9- 2026 के बाद देश में लोकसभा सीटों का परिसीमन होना है. इस परिसीमन के बाद ही महिला आरक्षण लागू होगा. इस हिसाब से 2024 के लोकसभा चुनाव के समय ये कानून नहीं होगा.

10- लोकसभा और दिल्ली विधानसभा ही नहीं, बल्कि बाकी राज्यों की विधानसभाओं में भी 33 फीसदी आरक्षण मिलेगा.

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