कोलकाता : स्वास्थ्य भवन ने मरीज को कोरोना (Corona) पॉजिटिव बताने के साथ ही उसे फ्लैट भी सैनिटाइज किया गया लेकिन नर्सिंग होम का कहना है कि मरीज की रिपोर्ट नेगेटिव है। तो कौन सी रिपोर्ट सही है, इसी बात को लेकर परिजन परेशान हैं। सूत्रों से मिली जानकारी की माने तो दक्षिण कोलकाता के लेक गार्डेन के निवासी वृद्ध पेशे से चिकित्सक हैं। वह पत्नी के साथ रहते हैं। पिछले कुछ दिनों से वह ह्रदय रोग की समस्या से परेशान थे। इसीलिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। 10 दिन पहले वे घर वापस लौटे थे। चुँकि पत्नी के लिए वृद्ध को अकेले संभालना संभव नहीं था इसीलिए उसे फिर अस्पताल में भर्ती कराया गया। गत 10 अगस्त को उस वृद्ध का नूमना संग्रह किया गया। मरीज की पत्नी का कहना है कि 11 अगस्त की सुबह स्वास्थ्य भवन से फोन कर उन्हें बताया गया कि उनके पति की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। फिर स्थानीय पार्षद ने भी उन्हें फोन किया।
यहाँ तक की उनका फ्लैट सैनिटाइज भी किया गया। दूसरी तरफ बुधवार को नर्सिंग होम प्रबंधन की तरफ से उन्हें बताया गया कि उनके पति की रिपोर्ट नेगेटिव आयी है। अब मरीज कोरोना पीड़ित है या नहीं, परिजन यह नहीं समझ पा रहे हैं। इस घटना ने भी कई सवाल खड़े किये हैं। अगर रिपोर्ट बुधवार को आयी थी तो फिर स्वास्थ्य भवन की तरफ से पहले ही कैसे मरीज को कोरोना पॉजिटिव करार दे दिया गया? नर्सिंग होम एवं स्वास्थ्य भवन के बीच क्या समन्वय का अभाव है? ऐसी स्थिति मे मरीज व उसके परिवार वाले क्या करेंगे?
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