डॉ. एस. आनंद की कलम से व्यंग्य कविता ‘हिन्दुस्तान का रंग’

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डॉ. एस. आनंद, वरिष्ठ साहित्यकार, कथाकार, पत्रकार, व्यंग्यकार

व्यंग्य कविता

हिन्दुस्तान का रंग

दोस्त ने कहा-
इतनी देर कर दी
एक झूठ बोलने में
अपना रंग बदलने में ?
यार! गिरगिट बन जाओ
तभी होगा कल्यान
गिरगिटों के बल ही तो
टिका है, अपना हिन्दुस्तान!

● डॉ. एस. आनंद, वरिष्ठ साहित्यकार, कथाकार, पत्रकार, व्यंग्यकार

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