कोलकाताः देश के नव नियुक्त चुनाव आयुक्त अरुण गोयल की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज अहम सुनवाई होनी है। इसमें चुनाव आयुक्त अरुण गोयल (EC Arun Goel) को लेकर सवाल उठाए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी नियुक्ति से जुड़ी फाइल मंगा ली है। कोर्ट जानना चाहता है कि इस नियुक्ति में किसी तरह की कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई है। सर्वोच्च न्यायालय ने सवाल करते हुए कहा कि कोई गड़बड़ी तो नहीं हुई है।
अदालत की संविधान पीठ इस पूरे मामले की सुनवाई कर रही है। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि आखिर चुनाव आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया क्या होती है? कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर नियुक्ति प्रक्रिया में कोई खामी भी है तो उसमें सुधार किया जाना चाहिए। अदालत ने पूछा कि किसी निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति नौकरशाहों तक ही सीमित क्यों हैं। ऐसे में तो उसकी स्वायत्तता पर भी सवाल उठ सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि अगर किसी प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई शिकायत आती है तो क्या चुनाव आयुक्त उनके खिलाफ कार्रवाई करते हैं? कोर्ट ने कहा कि मौजूद दौर में ऐसे चुनाव आयुक्त की जरूरत है तो प्रधानमंत्री के खिलाफ शिकायत मिलने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई कर सके।
सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि चुनाव आयुक्त कि नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। संविधान के मुताबिक वही सर्वोच्च अधिकारी हैं। उन्होंने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि कानून बनाना सरकार का काम है। कोर्ट सरकार को इसके लिए सुझाव दे सकता है। कोर्ट ने इस पर कहा कि सरकार अपनी मनमर्जी से अधिकारी नियुक्त करता है और वह अधिकारी सरकार की हां में हां मिलता है। ऐसे में दोनों का फायदा होता है।