कोलकाता : हिन्दी दिवस के अवसर पर शिक्षाविद् तथा लेखिका प्रो. प्रेम शर्मा के नव प्रकाशित कहानी संग्रह ‘रिश्ते‘ का लोकार्पण सेठ सूरजमल जालान पुस्तकालय कक्ष में किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. कमला प्रसाद द्विवेदी ने उक्त कहानी संग्रह पर विचार रखते हुए कहा कि कहानी के यथार्थ में सपने का होना अनिवार्य है। लेखिका ने कहानी के यथार्थ का निर्वाह किया है। विशिष्ट वक्ता कविता अरोड़ा ने संग्रह में प्रकाशित कहानियों के शीर्षक को केन्द्र रखकर कहानियों और इनमें समाहित सम्बन्धों की समीक्षा की। सेठ सूरजमल जालान पुस्तकालय के अध्यक्ष भरत कुमार जालान ने शुभकामनाएँ दीं। शिक्षाविद् तथा साहित्यकार दुर्गा व्यास ने संग्रह की कहानियों की सराहना की। इस अवसर पर उपस्थित समाजसेवी राजीव सिन्हा ने भी पुस्तक के लोकार्पण पर शुभकामनाएँ दीं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ताजा टीवी के चेयरमैन तथा छपते -छपते के सम्पादक विश्वम्भर नेवर ने कहानियों को अखबारों का महत्वपूर्ण लोकप्रिय अंग बताया और साथ ही आधुनिक समय में मोबाइल के माध्यम से साहित्य को लोकप्रिय बनाने पर जोर दिया। लेखकीय वक्तव्य में प्रो. प्रेम शर्मा ने अपनी रचना प्रक्रिया और कहानी संग्रह से जुड़े अपने अनुभव साझा किये।
कार्यक्रम का शुभारम्भ सुगन्धा झुनझुनवाला द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वन्दना से हुआ। इसके बाद अतिथियों का स्वागत राजकुमार शर्मा, विनय कुमार शर्मा, अनीता शर्मा, लता शर्मा और पूजा शर्मा ने किया। इस अवसर पर युवा कलाकार नमिता सिंह ने स्वनिर्मित कलाकृतियाँ अतिथियों को भेंट दीं।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में कवि गोष्ठी आयोजित हुई जिसमें गजेन्द्र नाहटा, वी. अरुणा, वसुन्धरा मिश्र, कमलेश जैन, सुगन्धा झुनझुनवाला, सिद्धि जैन, राधा ठाकुर और प्रीति साव ने कविता पाठ किया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र का संचालन सुषमा त्रिपाठी कनुप्रिया और दूसरे सत्र का संचालन प्रीति साव ने किया। धन्यवाद ज्ञापन पुस्तकाध्यक्ष श्रीमोहन तिवारी ने किया। इस अवसर पर समाजसेवी संजय बिन्नानी, विजय कुमार तिवारी, सपना कुमारी समेत गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
हिन्दी दिवस पर कहानी संग्रह ‘रिश्ते’ का लोकार्पण
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