कोमल सांतोरिया
कोलकाता : कोरोना वायरस (Corona Virus), इस एक नाम ने पूरे विश्व की नाक में दम कर रखा है। पूरे विश्व में कोरोना के 2 करोड़ से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। वहीं भारत इस मामले में तीसरे स्थान पर है। हालांकि कई लोग कोरोना को मात देकर इससे जंग भी जीत चुके हैं लेकिन यहां अब एक नया सवाल खड़ा हो रहा है, जिसके मुताबिक क्या कोरोना से ठीक हुए मरीजों को कोई और समस्या जकड़ सकती है। इसके बारे में जानकारी जुटाने के लिए हमें चीन के वुहान शहर पर नजर डालनी होगी। यहाँ हम आपको बता दें कि इसी शहर से इस महामारी के फैलने की बात कही गयी थी। अब इस शहर में कोरोना से ठीक हुए मरीजों को लेकर कुछ नये खुलासे हुए हैं जो कि चौंकाने वाले हैं। दरअसल, एक रिपोर्ट में ऐसा दावा किया जा रहा है कि यहाँ कोरोना से ठीक हुए 90 फीसदी से ज्यादा मरीज फेफड़ों की समस्याओं से जूझ रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार The Zhongnan Hospital Of Wuhan University की एक टीम ने कोरोना से ठीक हुए 100 मरीजों को लेकर एक सर्वे किया था। इनमें मरीजों की उम्र 59 वर्ष के आसपास की थी। सर्वे में बताया गया कि कोरोना से ठीक हुए मरीजों में से 90 फीसदी मरीजों के फेफड़ों में समस्या है। इस सर्वे के सामने आने के बाद से लोगों में डर थोड़ा और बढ़ गया है।
हालांकि इस बारे में नयी Aawaz की टीम ने जब कोलकाता के सॉल्टलेक स्थित आमरी अस्पताल में कार्यरत डॉ. शारदवत मुखर्जी से बात की तो उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण बातें बतायी। बता दें कि आमरी अस्पताल में भी कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। उक्त चिकित्सक डॉक्टर्स फॉर पेशेंट (डोपा) संस्था से भी जुड़े हैं। डॉक्टर ने बताया कि फिलहाल कोलकाता में इस तरह का केस सामने तो नहीं आया है लेकिन वुहान में हुआ सर्वे चिंता का विषय तो जरूर है। अगर हम यहाँ की बात करें तो यहां अभी तो ऐसे मामले सामने नहीं आये हैं। हाँ, अगर ऐसा कुछ होता है तो जो मरीज ठीक हुए हैं उनके ठीक होने के 6 से 7 महीने बाद ही यह चीजें उभर कर सामने आएगी। तब ही अच्छे से पता चल पायेगा कि कोरोना के कारण उनके शरीर में कोई और समस्या उत्पन्न हुई है या नहीं।