कोलकाता : कोलकाता नगर निगम (Kolkata Municipal Corporation) का खाली हो रहा कोष चिंता का विषय बन गया था। पहले ही करोड़ों का संपत्ति कर बकाया पड़ा था, वहीं लॉकडाउन (Lockdown) होने के कारण निगम का कोष लगभग खाली ही हो गया था। हालांकि पिछले 10 दिनों में निगम के कोष में जो धनराशि जमा हुई है उससे निगम को काफी राहत मिली है। केएमसी सूत्रों से मिली जानकारी के अुनसार पिछले 10 दिनों के अंदर केएमसी के कोषागार में 90 से 100 करोड़ रुपये टैक्स जमा हुआ है। 1 अगस्त से 10 अगस्त के बीच में इतना अधिक टैक्स जमा होने में यह नया रिकॉर्ड है। बताया जाता है कि लॉकडाउन के दौरान यानी 22 मार्च से लेकर 30 मार्च तक केएमसी के सभी काउंटरों को भी बंद कर दिया गया था। 1 जून से अनलॉक 0.1 शुरू होने के बाद केएमसी के काउंटरों को खोल दिया गया। बचे टैक्स को जमा करवाने के लिए केएमसी ने पैंतरे अपनाना शुरू कर दिया। टैक्स वसूली के लिए केएमसी के अधिकारियों ने कई बैठकें भी की। इसके साथ ही टैक्स वसूली के मुद्दे पर विभिन्न बोरो और केएमसी के इलाकों में भी अधिकारियों ने बैठक की। आम लोगों के साथ संपर्क को बढ़ाया गया। घर-घर जाकर लोगों से केएमसी के अधिकारियों ने बात भी की।
केएमसी के प्रशासक मंडली के सदस्य अतीन घोष ने बताया कि केएमसी के कोषागार की हालत को सुधारने और बाकि बचे टैक्स को वसूल करने के लिए कोलकाता के सभी बोरो में जाकर उन्होंने स्वयं बैठक की थी। आम लोगों से बात करके उन्हें अपने-अपने हिस्से का बाकाया टैक्स जमा करने के लिए समझाया गया। कई इलाकों में शिविर भी लगाया गया। अतीन घोष का कहना है कि इस सामुहिक प्रयास के कारण ही इतनी अधिक मात्रा में रूपये जमा हुए हैं। 1 जून से 31 जुलाई के बीच में केएमसी की आय ढाई करोड़ रूपये ही हुई थी। उन्होंने बताया कि केएमसी के कोषागार की हालत इतनी ही संकटजनक थी कि पिछले महीने राज्य सरकार की आर्थिक सहायता मिलने के बाद ही कर्मचारियों को वेतन दिया जा सका था।
यह भी पढ़ें : Kolkata Airport : विमानों पर लगे प्रतिबंध से ट्रैवल एजेंट्स परेशान, सरकार से मांगी मदद