Rajiv Gandhi Assassination: सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के 6 दोषियों की तुरंत रिहाई का आदेश दिया है। इन दोषियों में नलिनी, रविचंद्रन, मुरुगन, संथन, जयकुमार, और रॉबर्ट पॉयस शामिल हैं। इससे पहले 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एक और दोषी पेरारिवलन की रिहाई का आदेश दिया था। बाकी दोषियों ने भी उसी आदेश का हवाला देकर कोर्ट से रिहाई की मांग की थी।
गवर्नर राज्य सरकार की सिफारिश मानने के लिए बाध्य
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस नागरत्ना की बेंच ने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने इन दोषियों की रिहाई की सिफारिश गवर्नर को भेजी थी लेकिन गवर्नर ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया। पेरारिवलन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने माना था कि गवर्नर, राज्य सरकार की सिफारिश मानने के लिए बाध्य है। गवर्नर की ओर से दोषियों की रिहाई पर फैसला लेने में गैर वाजिब देरी हुई है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने आर्टिकल 142 के तहत मिली विशेष शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए पेरारिवलन की रिहाई का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा पेरारिवलन मामले में दिया गया आदेश इन दोषियों के लिए भी लागू होता है। इसलिए इनकी भी तत्काल रिहाई की जाए।
दोषियों का जेल में अच्छा व्यवहार
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोषी 30 साल से ज्यादा का वक्त जेल में गुजार चुके हैं और जेल में उनका व्यवहार अच्छा रहा है। मसलन रॉबर्ट पॉयस ने कई बीमारियों से जूझते हुए डिग्री हासिल की। जयकुमार ने भी जेल में पढ़ाई की। संथन ने कई बीमारियों से जूझते हुए आर्टिकल लिखे, जिनके चलते उसे इनाम भी मिला। नलिनी, रविचंद्रन , मुरुगन का भी जेल में व्यवहार अच्छा रहा रहा है। तीस साल से ज्यादा वक्त तक वो जेल में रहे हैं और इस दौरान उन्होंने पढ़ाई की है।