कोलकाता : प्रेसिडेंसी विश्वविद्यालय (Presidency University) ने सीआईएससीई काउंसिल के वैसे विद्यार्थियों को आवेदन करने की अनुमति प्रदान करने का निर्णय लिया है, जिनका माध्यमिक स्तर में गणित व विज्ञान विषय नहीं था और वे स्नातक स्तर में ह्यूमैनिटिज के 5 विषयों में से किसी में पढ़ने के लिए आवेदन करना चाहते हैं। जब तक इस नये नियम को लागू नहीं किया गया था, तब तक प्रेसिडेंसी प्रशासन आईसीएसई के वैसे विद्यार्थियों जिन्होंने शुद्ध ह्यूमैनिटिज विषय लेकर कक्षा 9वीं से पढ़ाई की थी, उन्हें आवेदन करने की अनुमति नहीं दे रहा था।
सीआईएससीई काउंसिल को लिखा गया था पत्र
इस बारे में सीआईएससीई काउंसिल के कुछ विद्यार्थियों ने प्रेसिडेंसी प्रशासन को पत्र लिखा और उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत करवाया। पत्र के माध्यम से बताया गया कि सीआईएससीई काउंसिल कक्षा 9वीं से बिना विज्ञान विषयों के पढ़ने की अनुमति देता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इसके बाद विश्वविद्यालय ने आवेदन करने फॉर्मेट में बदलाव (ट्वीस्ट) लाया। इसके तहत जब विद्यार्थी अंग्रेसी, इतिहास, राजनीति विज्ञान, बांग्ला और हिन्दी विषयों में ऑनर्स के लिए विद्यार्थी आवेदन करेंगे तब उन्हें माध्यमिक स्तर पर गणित और विज्ञान विषयों के प्राप्तांकों का उल्लेख आवेदन पत्र में नहीं करना होगा। हालांकि सोशियोलॉजी, फिलोसॉफी और परफॉर्मिंग आर्ट्स, इन तीनों विभागों ने मेधा सूची तैयार करते समय 10वीं में गणित के प्राप्तांकों को महत्व देने का निर्णय लिया गया है।
इन 3 विभागों ने गणित के प्राप्तांकों की मांग क्यों की है?
बताया गया है कि जो विद्यार्थी इन 3 विभागों (सोशियोलॉजी, फिलोसॉफी और परफॉर्मिंग आर्ट्स) से ऑनर्स की पढ़ाई करेंगे उन्हें साउंड लॉजिकल और एनालिटिकल कौशल की आवश्यकता होगी। पिछले वर्ष तक जब प्रवेश परीक्षा होती थी, तब तक इन कौशलों पर ध्यान केन्द्रित किया जाता था। लेकिन इस वर्ष कोविड-19 के कारण प्रवेश परीक्षा नहीं ली जा रही है, तो विभाग माध्यमिक स्तर में गणित के प्राप्तांकों को महत्व दे रहा है, ताकि आवेदकों के लॉजीकल और एनालिटिकल कौशलों के बारे में पता लगया जा सके।