कोलकाता: पश्चिम बंगाल के शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी (Partho Chatterjee) ने गुरुवार को विपक्ष के कई नेताओं का नाम लेकर नियुक्ति भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया है। उनके बयान से ठीक 18 मिनट पहले तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने भी अपने ट्विटर पर इन्हीं नेताओं का नाम लिखकर इसी तरह का दावा किया था।
दोपहर 11:45 बजे के करीब कुणाल घोष ने अपने ट्विटर पर लिखा कि ऐसा पता चल रहा है कि पार्थ चटर्जी को भाजपा नेता दिलीप घोष, समिक भट्टाचार्य, शुभेंदु अधिकारी और माकपा नेता सुजन चक्रवर्ती ने उन लोगों की सूची दी थी जिन्हें गैरकानूनी तरीके से नियुक्त किया जाना था। अगर ऐसी बात है तो इसकी जांच होनी चाहिए।
इसके बाद 12 बजे के करीब कोर्ट में पेशी के समय पार्थ चटर्जी ने इनमें से तीन नेताओं का नाम लेते हुए कहा कि जो नेता आज बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं उनमें से सुजन चक्रवर्ती, दिलीप घोष और शुभेंदु अधिकारी ने मुझे उन लोगों की सूची दी थी जिन्हें गैरकानूनी तरीके से नियुक्त किया जाना था। लेकिन मैंने गैरकानूनी काम करने से इंकार कर दिया था।
पार्थ चटर्जी ने कोर्ट में प्रवेश करने से समय कहा कि 2009-10 की सीएजी की रिपोर्ट देखिए। मैंने ऐसे सभी लोगों को कह दिया था कि मैं नियुक्ति नहीं कर सकता मेरे अधिकार में नहीं है। मैंने साफ कर दिया था कि इस बारे में मदद करना तो दूर की बात, किसी तरह की गैरकानूनी काम के लिए मैं कभी तैयार नहीं होउंगा। शुभेंदु अधिकारी का वर्ष 2011-12 का साल देखिए। क्या-क्या किया है। इसके बाद पार्थ चटर्जी कोर्ट के अंदर चले गए।