Gyanvapi Carbon Dating: ज्ञानवापी केस में वाराणसी जिला अदालत (Varanasi District Court) ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए हिंदू पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग नहीं होगी। बता दें कि वाराणसी जिला जज डॉ. एके विश्वेश ने पिछले सप्ताह सुनवाई के बाद ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग जांच और पूरे परिसर की ASI से सर्वेक्षम की मांग पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
क्या होती है कार्बन डेटिंग?
कार्बन डेटिंग (Carbon Dating) से वस्तु की उम्र का अंदाजा लगाया जा सकता है। यानि इससे शिवलिंग की जांच में उम्र का पता चलेगा। इससे यह भी पता चलेगा कि शिवलिंग का निर्माण कब करवाया गया होगा?
जिला जज ने फैसला रखा था सुरक्षित
हिंदू पक्ष ने कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक पद्धति से परीक्षण कर ज्ञानवापी की सत्यता का पता लगाने का कोर्ट से आग्रह किया है। कार्बन डेटिंग पर 11 अक्टूबर को जिला अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष के मौखिक जवाब दाखिल करने के आग्रह को स्वीकार करते हुए 7 अक्टूबर को फैसले की तारीख टाल दी थी।