कोमल सांतोरिया
कोलकाता : राज्य में RKSY II के तहत दिये जाने वाले चावल का परिमाण घटाकर 1 किलो ग्राम किये जाने को लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) पर निशाना साधा था। दिलीप घोष ने कहा था कि कोरोना काल सभी के लिए समस्या लेकर आया है। लोगों की सहायता के लिए केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाएँ काम कर रही हैं। चावल, दाल, तेल, नमक व रसोई गैस फ्री देने की व्यवस्था की जा रही है। एक तरफ तो केन्द्र लोगों की मदद में लगा हुआ है तो दूसरी तरफ RKSY II के तहत राज्य में दिये जाने वाले चावल के परिमाण को घटा देना बेहद दुर्भाग्यजनक है। उन्होंने ममता सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि राज्य में RKSY II के तहत जिन लोगों को राशन मिलता था क्या वे रातों रात बड़े लोग बन गये हैं, जो सरकार ने ऐसा फैसला लिया है।
इस मामले को लेकर राज्य के खाद्य मंत्री ज्योतिप्रय मल्लिक का बयान भी सामने आ गया है। नयी Aawaz से बात करते हुए ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा कि RKSY II के तहत मिलने वाले राशन का परिमाण शुरू से ही 1 किलो था। इसके तहत लोगों को 1 किलो चावल एवं 1 किलो गेहूँ दिया जाता था। हालांकि कोरोना का दौर देखते हुए मुख्यमंत्री ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि उक्त योजना के तहत अप्रैल से जुलाई तक 5 किलो चावल दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने अपनी घोषणा को पूरा भी किया। फिर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष को क्या परेशानी है?
उन्होंने आगे कहा कि RKSY II के तहत लोगों को जो चावल और गेंहूँ मिलेगा वह निःशुल्क ही है। दिलीप घोष को पता ही नहीं है कि वे क्या बोल रहे हैं। RKSY I एवं II दोनों परियोजनाओं को मिलाकर हर महीने 1200 करोड़ खर्च होता है। यानि साल का 14,400 करोड़। ऐसे वक्त में भी राज्य सरकार खर्च से पीछे नहीं हट रही और विपक्ष बातें बना रहे हैं। दिलीप घोष 10-15 दिन बोलेंग और चुप हो जायेंगे लेकिन लोगों को राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिलता रहेगा।
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