कोलकाता : सोशल मीडिया पर पश्चिम बंगाल (West Bengal) के राज्यपाल जगदीप धनखड़ काफी सक्रिय है। वे पूरी बेबाकी से अपनी बात को सभी के सामने रखते हैं। राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने राज्यपाल से सोशल मीडिया पर ही सवाल पूछा और राज्यपाल ने एक बार फिर पूरी बेबाकी से अपनी बात कही।
पहले देखते हैं पार्थ चटर्जी का सवालिया ट्वीट
दरअसल इस ट्वीट के माध्यम से पार्थ चटर्जी राज्यपाल को याद दिला रहे हैं कि उन्होंने और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया था कि कोविड-19 की वजह से विद्यार्थियों का कॉलेज-विश्वविद्यालयों में शारीरिक तौर पर उपस्थित होकर परीक्षा देना संभव नहीं है। उनकी ओर से यूजीसी की अंतिम निर्देशिका को लेकर फिर से सोचने का अनुरोध किया था। इसे लेकर पार्थ चटर्जी, राज्यपाल तथा विश्वविद्यालयों के आचार्य जगदीप धनखड़ से राजभवन में मिले थे और उन्हें पूरी परिस्थिति से अवगत भी करवाया था। इस बैठक के बाद राज्यपाल ने भी राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदमों के साथ अपनी सहमति जतायी थी और उन्होंने केन्द्रीय मानव संसाधन विकास विभाग से इस संबंध में बात करने का आश्वासन दिया था। अब शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने ट्वीट के माध्यम से राज्यपाल से इस संबंध में उठाये गये कदमों के बारे में विस्तार से बताने का आग्रह किया।
राज्यपाल का जवाबी ट्वीट
मंत्री पार्थ चटर्जी के सवाल का जवाबी ट्वीट के जरिये देते राज्यपाल ने इस मामले में हो रहे विकास के बारे में ट्वीटर पर कुछ भी साझा ना करने की सलाह शिक्षा मंत्री को दी। उन्होंने लिखा कि यह मामला अब दिल्ला हाई कोर्ट के पास है जिसके बारे सुनवाई अगस्त के पहले सप्ताह में हो सकती है। मुझे चिंता इस बात की है कि राज्य में शिक्षा राजनीतिक पिंजड़े में है। राज्यपाल ने दोहराया कि विद्यार्थी हमेशा से ही उनकी पहली प्राथमिकता रहे हैं। राज्यपाल ने बताया कि यूजीसी के चेयरमैन व एमएचआरडी मंत्री के साथ बात हुई। मुख्यमंत्री से अनुरोध है कि वे मुझसे मिले। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि असफल शिक्षा विभाग बहाने ढूंढ रहा है। अब समय है कि विद्यार्थियों को राहत दी जाए।