Manipur सरकार की उपद्रवियों को चेतावनी, कहा- लूटे हुए हथियार 15 दिनों में लौटाएं वरना होगी सख्त कार्रवाई

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Manipur violence

Manipur Government Warning to Miscreants: मणिपुर सरकार (Manipur Government) ने राज्य के पुलिस थानों और लाइंस से हथियार लूटने वाले उपद्रवियों को 15 दिनों के अंदर सारे हथियार जमा करने का निर्देश दिया है. अगर ऐसा नहीं होता है तो उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. इस संबंध में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (CM N Biren Singh) के कार्यालय से एक विज्ञप्ति जारी की गई है. जिसमें कहा गया है कि राज्य भर में किसी भी व्यक्ति या समूह द्वारा रखे गए सभी अवैध हथियारों को तुरंत या शुक्रवार से 15 दिनों की अवधि के भीतर जमा कर दिए जाने चाहिए. राज्य सरकार इन 15 दिनों के भीतर ऐसे अवैध हथियार जमा कराने वाले व्यक्तियों के मामले में भी विचार करने को तैयार है.

सुरक्षाबल चलाएंगे अभियान

प्रदेश सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 15 दिनों के बाद केंद्र और राज्य दोनों के सुरक्षाबल मिलकर हथियारों (Manipur Violence) को बरामद करने के लिए पूरे राज्य में व्यापक तलाशी अभियान चलाएंगे. इस दौरान किसी भी अवैध हथियार से जुड़े सभी व्यक्तियों से कानून के अनुसार गंभीरता से निपटा जाएगा. इन अवैध हथियारों का इस्तेमाल करके उपद्रवियों/समूहों द्वारा जबरन वसूली, धमकी और अपहरण की खबरें सामने आई हैं.

बयान के मुताबिक अवैध हथियारों का दुरुपयोग एक गंभीर मामला है. राज्य सरकार राज्य के किसी भी हिस्से में ऐसे उपद्रवियों/समूहों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी. उन्होंने राज्य के लोगों से राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने में केंद्र और राज्य सरकार को सहयोग करने की अपील की है. उधर मणिपुर मानवाधिकार आयोग (एमएचआरसी) की सिफारिशों को स्वीकार करते हुए, राज्य सरकार ने गुरुवार को पुलिस महानिदेशक को सुरक्षा बलों के शस्त्रागार और चुराचांदपुर बंदूक की दुकान से जातीय दंगे के दौरान लूटे गए हथियारों एवं गोला-बारूद को बरामद करने का निर्देश दिया है.

राज्य में 3 मई से भड़की है हिंसा

विभिन्न रिपोर्टों के अनुसार, राज्य में 3 मई को भड़के जातीय दंगों (Manipur Violence Update) के दौरान हमलावरों और उग्रवादियों ने पुलिस स्टेशनों और पुलिस चौकियों से 4,000 से अधिक विभिन्न प्रकार के अत्याधुनिक हथियार और लाखों विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद लूट लिए थे. इसके बाद से राज्य में हिंसा का दौर रुक-रुककर जारी है. जिसमें अब तक काफी लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और सैकड़ों लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े हैं.

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