हाल ही में हुए सर्वेक्षण में हुआ खुलासा, देश में यह आँकड़ा लगभग बराबर
कोलकाता : पश्चिम बंगाल स्कूल शिक्षा विभाग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में करीब 1 करोड़ 60 लाख 73 हजार 254 विद्यार्थी पहली से 12वीं कक्षा में पढ़ते हैं। इनमें से केवल 8.7 % ही निजी स्कूलों में पढ़ते हैं। वहीं सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त और सरकार पोषित स्कूलों में पढ़ने वाले कुल विद्यार्थियों की संख्या लगभग 85.7 % प्रतिशत है। देश के अन्य राज्यों में जहां अभिभावकों में अपने बच्चों को निजी स्कूलों में भेजने अधिकता दिख रही है, वहीं पश्चिम बंगाल देश को एक नयी दिशा दिखा रहा है। इस संबंध में एसोसिएशन ऑफ स्कूल्स फॉर आईएससी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुजय विश्वास ने कहा, “शिक्षा को केवल बनाए रखना ही नहीं बल्कि आगे ले जाने में भी राज्य के सरकारी स्कूलों की महत्वपूर्ण भूमिक रही है। पश्चिम बंगाल में लोग शिक्षा को ही प्राथमिकता देते हैं। ऐसी परिस्थिति में ये आंकड़े काफी महत्वपूर्ण हैं।”
वहीं इस बारे में सिलेबस कमेटी के चेयरमैन अभिक मजूमदार ने कहा कि देश के सभी स्तरों (जरुरतमंद और आर्थिक रूप से पिछड़े बच्चे भी) की शिक्षा के लिए राज्य की जो जिम्मेदारी होनी चाहिए, पश्चिम बंगाल ने उसका अच्छी तरह से पालन किया है। इसके साथ राज्य सरकार ने विद्यार्थियों के हित में कई परियोजनाएं भी चलायी जैसे कन्याश्री, सबूज साथी, निःशुल्क बैग, ड्रेस और जूते देना आदि।
हाल ही में हुए सर्वेक्षण में पता चला है कि पहली कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक पढ़ने वाले कुल विद्यार्थियों की संख्या लगभग बराबर-बराबर ही सरकारी और निजी स्कूलों में पढ़ती है। Unified-District Information System For Education की वर्ष 2019 में किये गये सेंटर स्क्वॉयर फाउंडेशन की समीक्षा में यह पता चला है कि पहली से 12वीं कक्षा तक देश भर में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की कुल संख्या करीब 25 करोड़ 10 लाख है। इनमें से 13 करोड़ 10 लाख विद्यार्थी सरकारी और बाकी 12 करोड़ विद्यार्थी निजी स्कूलों में पढ़ते हैं।