‘घमण्ड’
आग ने कहा-
ताकत है तो मुझे ताप
उसने कहा-
भेजा मत खाइए
प्लीज यहां से जाइए आप।
इतनी गर्मी तो हम
भूख की रोज सहते हैं
मगर किसी से कुछ नहीं
कहते हैं
तुम्हें शायद नहीं मालूम
हम हिन्दुस्तान में रहते हैं।
● डॉ. एस. आनंद, वरिष्ठ साहित्यकार, कथाकार, पत्रकार, व्यंग्यकार
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