कितने अच्छे हैं ये!
ये बेचारे कितने अच्छे हैं
इनके सिर्फ नौ बच्चे हैं
मैंने कहा-भाई साहब!
आज के दौर में भी नौ बच्चे?
फिर भी आप मस्त हैं
इतने बे-गम है?
वे बोले, नहीं भाई
हम बे-गम कहां हैं?
मुझे बहुत अफसोस है
अभी दर्जन में तीन कम है!
● डा. एस. आनंद, वरिष्ठ साहित्यकार, कथाकार, पत्रकार, व्यंग्यकार
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