डॉ. एस. आनंद की कलम से व्यंग्य कविता ‘शर्मशार पाकिस्तान’

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डॉ. एस. आनंद, वरिष्ठ साहित्यकार, कथाकार, पत्रकार, व्यंग्यकार

शर्मशार पाकिस्तान

बेशरम, बुजदिल, बेगैरत
बेहया पाकिस्तान!
27 सालों तक झूठ पचाने के बाद
आज सच उगल दिया तुमने
और बता दिया विश्व को
भारत का मोस्ट वांटेड दाऊद
तुम्हारे देश में पल रहा है
और अब तुम्हें ही छल रहा है।
यही बात जब हम कहते थे
तो तुम झूठ बोलकर अकड़ते थे
और हमें नकारते रहे
दाउद को छिपाते रहे
मगर सच नहीं छिपा
वह तुम्हारे मुंह से निकल गया
अचानक ही फिसल गया।
मैं यह भी जानता हूँ कि
तुम्हारी इसमें भी चाल है
काली तुम्हारी दाल है
मगर दुनिया के सामने
तुमने खोल दी अपनी पोल
उतर गई तुम्हारी गीदड़ वाली खोल।
तुम यह क्यों भूल गए कि-
सच बेनकाब होता है
और झूठ बस एक ख्वाब होता है।
सच से पलट जाना
तुम्हारी फितरत है
इसे सभी जानते हैं
इसीलिए तुम्हें
झूट्ठों का शहंशाह मानते हैं।

● डॉ. एस. आनंद, वरिष्ठ साहित्यकार, कथाकार, पत्रकार, व्यंग्यकार

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