कोलकाता : कलकत्ता विश्वविद्यालय, हिन्दी विभाग एवं शुभ सृजन नेटवर्क के संयुक्त तत्वावधान में प्रो. प्रबोध नारायण सिंह जन्मशताब्दी वर्ष में प्रबोध नारायण सिंह स्मृति व्याख्यान एवं सृजन सारथी सम्मान-2024 कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पूर्व प्रोफेसर एवं हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. चंद्रकला पाण्डेय ने प्रबोध नारायण सिंह जी को याद करते हुए कहा कि वे प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी, भाषा विज्ञान के मर्मज्ञ विद्वान, हिन्दी साहित्य के अध्येता, छात्र-वत्सल, सम्मोहक वक्ता आदि गुणों से परिपूर्ण थे। उन्होंने साहित्य के प्रति अपनी गहन निष्ठा के कारण हिंदी एवं मैथिली भाषा को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।
इस अवसर पर हिन्दी विभाग के पूर्व आचार्य एवं वरिष्ठ आलोचक प्रो. शंभुनाथ ने अपने वक्तव्य में कहा कि डॉ. सिंह मेधा और विद्वता से पूर्ण प्राध्यापक के रूप में लब्धप्रतिष्ठित एवं उत्कृष्ट समाजसेवी थे। वरिष्ठ पत्रकार विश्वंभर नेवर ने उनके अध्यापकीय कौशल की प्रशंसा करते हुए उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।
विभाग के पूर्व आचार्य प्रो. अमरनाथ ने देशभर में कई सम्मानों एवं पुरस्कारों से सम्मानित पूर्व प्रो. चन्द्रकला पाण्डेय के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की शुरुआत हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. राजश्री शुक्ला ने अपने स्वागत वक्तव्य से किया। साहित्य, संस्कृति और कला में विशिष्ट योगदान के लिए कलकत्ता विश्वविद्यालय की पूर्व प्रोफेसर एवं पूर्व राज्यसभा सांसद चंद्रकला पाण्डेय को शुभ सृजन नेटवर्क के द्वारा ‘सृजन सारथी सम्मान-2024’ समादृत किया गया।
मानपत्र देकर सम्मानित किया कलकत्ता विश्वविद्यालय की हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. राजश्री शुक्ला ने, उत्तरीय पहनाकर सम्मानित किया विश्वविद्यालय के पूर्व आचार्य अमरनाथ और पत्रकार विश्वंभर नेवर ने एवं पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया विश्वविद्यालय के पूर्व आचार्य शंभुनाथ ने। कार्यक्रम में कलकत्ता महानगर के प्रतिष्ठित महाविद्यालयों के प्राध्यापक/प्राध्यापिका एवं अन्य गण्यमान्य डॉ. ममता त्रिवेदी, डॉ. कुलदीप कौर, प्रो. मंटू दास, प्रो. मनीषा त्रिपाठी, डॉ. अल्पना नायक, डॉ. सत्यप्रकाश तिवारी, डॉ. नमिता जायसवाल, डॉ. विक्रम साव, उत्तम कुमार ठाकुर, कार्तिक कुमार साव, पीहू पापिया, डॉ. विजया सिंह, नूपुर तिवारी, श्रीमोहन तिवारी आदि उपस्थित थे। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में स्नातकोत्तर के विद्यार्थियों और शोधार्थियों की मुख्य भूमिका रही। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. राम प्रवेश रजक और सुषमा त्रिपाठी ने किया। धन्यवाद ज्ञापन स्कॉटिश चर्च कॉलेज के हिन्दी विभाग की प्राध्यापिका डॉ. गीता दुबे ने किया।