Land Scam Case: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) चौथे समन के बाद भी आज केंद्रीय जांच एजेंसी (ED) कार्यालय में हाजिर नहीं हो रहे हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जमीन घोटाले में पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर बुलाया गया था. मुख्यमंत्री ने इस मामले में हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) का रुख कर लिया है.
हाईकोर्ट में याचिका दायर कर ईडी कार्यलाय भेजा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने याचिका दायर कर हाईकोर्ट से इस मामले में हस्तक्षेप करने और कार्रवाई पर रोक लगाने का आग्रह किया है. याचिका की कॉपी ईडी कार्यालय भी भेजा है. ऐसे में अब यह तय हो गया है कि मुख्यमंत्री आज ईडी कार्यालय नहीं जा रहे हैं. ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ईडी के दूसरे समन के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गये थे. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में उन्हें हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया था.
सीएम का कैसे सामने आया नाम
जालसाजी कर जमीन की खरीद बिक्री की जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय को कई तरह की शिकायतें मिली थी. इसमें मुख्यमंत्री और उनके करीबी लोगों के द्वारा आदिवासियों की जमीन पर जबरन कब्जा करने की भी शिकायतें मिली थी. इन शिकायतों की प्रारंभिक जांच के दौरान ईडी को कुछ के सही होने की सबूत मिले. इस तरह जमीन घोटाला मामले में हेमंत सोरेन का नाम सामने आया है.
क्यों सीएम से पूछताछ करना चाहती है ईडी
सीएम हेमंत सोरेन से पूछताछ के लिए भेजे गए अब तक के जितने भी समन हैं, उसका आधार 13 और 26 अप्रैल 2023 को की गई छापेमारी है. ईडी ने 13 अप्रैल को छापेमारी के दौरान राजस्व कर्मचारी भानु प्रताप के घर से बक्सों में भरकर रख गए जमीन से जुड़े दस्तावेज जब्त किए थे. इनमें काटछाँट करके और जालसाजी कर असली मालिक का नाम काटकर दूसरे का नाम लिखने का मामला प्रकाश में आया था. प्रवर्तन निदेशालय ने दस्तावेज में छेड़छाड़ सहित अन्य बिंदुओं के सिलसिले में मिली सूचनाओं को पीएमएलए की धारा 66 (2) के तहत सरकार से साझा किया था. इस मामले में सरकार के आदेश पर सदर थाने में प्राथमिकी (272/23) दर्ज कराई गई थी. यही वह प्राथमिक है जिसके आधार पर सीएम हेमंत सोरेन को प्रवर्तन निदेशालय समन भेज रही है.