कोलकाताः आस्था के महापर्व छठ पूजा की शुरूआत आज से हो गई है। नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ त्योहार 31 अक्टूबर को उषा अर्घ्य के साथ समाप्त होगा। छठ पूजा के दौरान भगवान सूर्य और षष्ठी मैया की पूजा की जाती है। कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि को पड़ने वाले इस पर्व को परिवार और संतान के लिए रखा जाता है। यह त्योहार बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक मनाया जाता है।
महिलाएं छठ पूजा के दौरान कठोर निर्जला उपवास रखती हैं और अपने परिवार और बच्चों की भलाई, समृद्धि और प्रगति के लिए भगवान सूर्य और छठी मैया से प्रार्थना करती हैं। इस त्योहार के तीसरे दिन डूबते सूर्य और आखिरी दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है।
छठ पूजा के दिनों में केवल सात्विक भोजन (प्याज या लहसुन के बिना) ही खाया जाता है। 28 अक्टूबर को नहाय खाय से छठ की शुरूआत हो चुकी है। इसके बाद 29 अक्टूबर को खरना, 30 अक्टूबर को संध्या अर्घ्य और 31 अक्टूबर को उषा अर्घ्य के साथ इसका समापन होगा।
छठ के पहले दिन को नहाय खाय कहा जाता है। इस दिन महिलाएं पवित्र जल में स्नान करती हैं। छठ का पालन करने वाली महिलाएं इस दिन सिर्फ एक बार ही भोजन करती हैं। दूसरे और तीसरे दिन को खरना और छठ पूजा कहा जाता है। महिलाएं इन दिनों कठिन निर्जला व्रत रखती हैं और चौथे दिन (उषा अर्घ्य) महिलाएं पानी में खड़े होकर उगते सूरज को अर्घ्य देती हैं और फिर अपना 36 घंटे का उपवास तोड़ती हैं।