कोलकाता : उत्तर 24 परगना (North 24 Pargana) के भीठारी सीमा चौकी इलाके से बीएसएफ के 112वीं बटालियन के जवानों ने मानव तस्करी का शिकार हुई एक बांग्लादेशी महिला को बचाया। इसके साथ ही 1 दलाल को भी गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक महिला बांग्लादेश के गायनबंद जिले की रहने वाली है। वहीं गिरफ्तार दलाल का नाम तारिकुल गाजी (31) बताया गया है। सूत्रों के अनुसार पूछताछ के दौरान पता चला कि तकरीबन 1 साल पहले मानव तस्करों द्वारा जिस्मफरोशी के धंधे के लिए युवती बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत लायी गयी थी। उसके पास से पुलिस ने तकरीबन 62 हजार के सोने के गहने भी बरामद किये हैं।
पीड़िता ने बताया है कि वह बांग्लादेश की रहने वाली है। साल 2019 में अपनी एक साथी जिसका नाम रूपा बताया गया है, उसके साथ वह बेनापोल-पेट्रापोल बॉर्डर से भारत आयी थी। पहले वह बनगाँव लायी गयी थी। उसके बाद कोलकाता (Kolkata) के रेड लाइट एरिया में वह कुछ दिनों तक रही। इसके बाद रूपा उसे अपने साथ बैंगलुरू ले गयी। वहाँ भी वह जिम्सफरोशी के कारोबार में लिप्त रही। बताया जा रहा है कि फिर अक्टूबर 2019 को उसका संपर्क सुरेश उर्फ शिवा नामक युवक से हुआ। धीरे-धीरे दोनों के बीच प्रेम संपर्क शुरू हो गया। वह शिवा के साथ उसके फ्लैट में ही शिफ्ट हो गयी। उसने एक बार में काम करना शुरू किया। जानकारी के मुताबिक लॉकडाउन के कारण उसके और शिवा की नौकरी खतरे में पड़ गयी थी। इस बात को लेकर दोनों के बीच मनमुटाव भी होता था। वह बांग्लादेश वापस जाना चाहती थी, इसीलिए वह गत 16 अगस्त को कोलकाता एयरपोर्ट पहुँची।
सूत्रों के मुताबित यहाँ एक कैब ड्राइवर जो मानव तस्करी का काम करता था, उसने उस ड्राइवर से संपर्क किया। ड्राइवर की मदद से वह बशीरहाट पहुँची। फिर वहाँ से उत्तर 24 परगना के हकीमपुर में आलमगीर तथा लालू नाम के शख्स के पास ड्राइवर ने उसे को छोड़ दिया। वहाँ से वह तारीकुल नाम के व्यक्ति के पास पहुँची जो उसे बॉर्डर पार करवाता। बताया गया है कि इस कार्य के लिए महिला ने ड्राइवर को 10 हजार रुपये भी दिये थे।
दूसरी तरफ यह भी पता चला है कि गिरफ्तार दलाल पिछले कई वर्षों से मानव तस्करी के काम में लिप्त था। बीएसएफ ने दलाल एवं बांग्लादेशी महिला को स्वरुपनगर थाने को सौंप दिया है।
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