नयी Aawaz Exclusive : लोकतंत्र में विपक्ष का ‘महत्व’ लेकिन बेवजह विरोध उन्हें बना सकता है ‘महत्वहीन’ : Swarna Kamal Saha

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तृणमूल विधायक स्वर्ण कमल साहा

राजनीति में हर वर्ग के लोगों की आसान एंट्री ने जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही को बढ़ाया

कोलकाता : राजनीति के मैदान में लगभग 5 दशक का अनुभव रखने वाले तृणमूल (TMC) विधायक स्वर्ण कमल साहा (Swarna Kamal Saha) ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) की वर्तमान राजनीतिक हालातों पर नयी Aawaz के प्रतिनिधि राजेश कुमार ठाकुर से बातचीत की। उन्होंने सवालों का बेहद बेबाकी से जवाब दिया। पेश है उनसे बातचीत के प्रमुख अंश…

पश्चिम बंगाल में विपक्ष की भूमिका

स्वर्ण कमल साहा ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष को बेहद महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। किसी भी राज्य अथवा देश की सरकार के सही ढंग से चलने के लिए विपक्ष का होना बेहद जरूरी है। विपक्ष का काम ही होता है सत्ता में रहने वाली सरकार का विरोध करना। लेकिन विरोध करने की एक सीमा भी तय है। विपक्ष सरकार द्वारा की जा रही जन विरोधी कार्यों अथवा नीतियों का विरोध करे। उसे लोगों के सामने पेश करे। तभी सही मायने में विपक्ष अपनी भूमिक निभाता है। बात जहाँ तक पश्चिम बंगाल (West Bengal) की है तो यहाँ विपक्ष अपनी सीमा को भूलता हुआ नजर आ रहा है। यहाँ राज्य सरकार की हर बात, कार्य व नीति का विरोध हो रहा है। ऐसा महसूस होता है जैसे विरोधी केवल विरोध करने के दृष्टिकोण से राज्य सरकार का विरोध करने पर उतारू हैं। विपक्ष की यह स्थिति सही नहीं है। जनता जागरूक है। वह अब सही गलत के फैसलों को समझने लगी है। ऐसे में यदि विपक्षी बेवजह हर बात का विरोध करने पर उतारू रहा तो वह दिन दूर नहीं जब विपक्ष का महत्व पश्चिम बंगाल में महत्वहीन हो जाएगा।

सीएम ममता बनर्जी पर है जनता का भरोसा

उन्होंने कहा कि वाम के 34 सालों के शासन में पश्चिम बंगाल हर मोर्चे पर पिछड़ गया था। ऐसे समय में राज्य को सीएम ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) का साथ मिला। सीएम ने सत्ता में आने के बाद से राज्य में विकास की रफ्तार तेज की और आज पश्चिम बंगाल हर क्षेत्र में बेहतर है। ममता बनर्जी जनता के हित व बंगाल के विकास को केन्द्र में रखकर काम करती हैं। यही वजह है कि आज बंगाल की जनता यह मान चुकी है कि उन्हें राज्य के नेतृत्व के लिए केवल ममता बनर्जी ही चाहिए। उन्होंने आश्वस्त करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव में TMC अपने काम के दम पर जीत का परचम लहराएगी। उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी पार्टियाँ चाहे जितना जोर लगा ले लेकिन सीएम ममता बनर्जी का राज्य में कोई दूसरा विकल्प नहीं है।

जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही हुयी तय

विधायक स्वर्ण कमल साहा ने कहा कि जब उन्होंने आज से लगभग 5 दशक पहले राजनीति में कदम रखा था तब और अब की राजनीति में जमीन-आसमान का बदलाव आया है। उस समय राजनीति में एंट्री आसान नहीं थी। यह कुछ लोगों के कंट्रोल से चलता था लेकिन समय के बीतने के साथ राजनीति में भी बदलाव आ गया। आज राजनीति में एंट्री आसान है और यही वजह है कि हर वर्ग का व्यक्ति राजनीति में सक्रिय है। उन्होंने कहा कि राजनीति में लोगों की आसान एंट्री फायदाजनक है। इसकी वजह से जनप्रतिनिधि की जवाबदेही तय हुयी है। पहले जनप्रतिनिधि की जवाबदेही ज्यादा नहीं होती थी लेकिन अभी मीडिया के साथ ही पब्लिक भी जनप्रतिनिधि पर नजर रखे हुए है। पहले पब्लिक जानती थी कि चुनाव में जीत के बाद जनप्रतिनिधि के दर्शन नहीं होंगे लेकिन अब जनप्रतिनिधि इस बात को जानते हैं कि यदि उन्होंने पब्लिक को दर्शन नहीं दिए और उनके बीच जाकर काम नहीं किए तो अगले चुनाव में ही जनता उन्हें त्याग देगी।

वर्चुअल रैली के लिए यह अनुकूल समय नहीं

स्वर्ण कमल साहा ने कहा कि कोरोना काल के शुरुआत के बाद से वर्चुअल रैलियों का चलन काफी बढ़ा है। यह नवीनता और आधुनिकता के दृष्टिकोण से सही है लेकिन जमीनी स्तर पर विचार करने पर ऐसा महसूस होता है कि ये वर्चुअल रैलियाँ वर्तमान समय के अनुकूल नहीं है। देश की अभी भी एक बड़ी आबादी वर्चुअल रैलियों से जुड़ने में असमर्थ है। यही वजह है कि इन रैलियों में लोगों का उतना जुड़ाव नहीं होता जितना कि पारम्परिक रैलियों के माध्यम से होता है।

कोरोना से जीत तय

विधायक स्वर्ण कमल साहा ने वर्तमान समय में देश के लिए चिंता का सबब बनी वैश्विक महामारी कोरोना से जीत को लेकर आश्वस्ता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से इस वायरस से बचाव के लिए गाइडलाइंस बनाए गए हैं। जिनमें मास्क पहनना, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जैसे नियम शामिल हैं। हम सभी को मिलकर इन नियमों को गम्भीरता से पालन करना है। हमें बच कर रहना है, सभी को बचाकर रखना है और इसी नियम के साथ चलकर हम कोरोना पर विजय प्राप्त कर लेंगे, यह तय है।

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