Waqf Board Property: उत्तर प्रदेश में अब मदरसों के बाद वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का सर्वे किया जाएगा। इसकी जानकारी यूपी के अल्पसंख्यक मंत्री धरमपाल सिंह ने मंगलवार को दी। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्ति बहुत महत्वपूर्ण है। इसे ना खर्च किया जाता है और ना ही दिया जा सकता है। हमारी कोशिश यही है कि इन संपत्तियों का सार्वजनिक प्रयोग मुस्लिम समाज के लिए किया जा सके। बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए हो सके। हम उन संपत्तियों पर आईएएस-आईपीएस की कोचिंग देने की भी व्यवस्था करेंगे।
सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार यूपी में प्रदेश के सभी जिलों में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्डों की जांच होगी। साथ ही सरकार ने सभी जिलों को राजस्व विभाग के वर्ष 1989 के शासनादेश को भी निरस्त करते हुए एक महीने में जांच को पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
ज्ञात हो कि यूपी सरकार ने 31 अगस्त को राज्य में चल रहे गैर-मान्यता प्राप्त निजी मदरसों के सर्वेक्षण का आदेश दिया था। इसके लिए 10 सितंबर तक टीम गठित करने का काम खत्म कर लिया गया। आदेश के मुताबिक 15 अक्टूबर तक सर्वे पूरा करके 25 अक्टूबर तक रिपोर्ट सरकार को सौंपने को कहा गया है।
प्रदेश में इस वक्त लगभग 16 हजार निजी मदरसे संचालित हो रहे हैं, जिनमें विश्व प्रसिद्ध इस्लामी शिक्षण संस्थान नदवतुल उलमा और दारुल उलूम देवबंद भी शामिल हैं।