समाजवादी क्रम
उन्होंने कहा-
न रोजी है, न रोटी है
और न ही श्रम है
मैंने कहा-
अरे पगले! समाजवाद आने का
यही तो क्रम है।
अरे भाई!
जिस दिन रोजी-रोटी
सबको हो जायेगी नसीब
नैतिकता नेताओं के
हो जायेगी करीब
जिस दिन आदमी
मेहनत करने लगेगा
उस दिन लोकतंत्र
बेमौत मरने लगेगा
तू अपनी जिंदगी जी
कम्बल ओढ़ कर घी पी।
-डॉ.एस.आनंद
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