हावड़ा : लिलुआ स्थित अग्रसेन बालिका शिक्षा सदन में गोस्वामी तुलसीदास जयंती वेबिनार का आयोजन किया गया। मर्यादा, शीलयुक्त व मानवीय समाज के निर्माण में तुलसी साहित्य की सर्वोपरि भूमिका रही है। परस्पर त्याग, परोपकार और मर्यादित जीवन की प्रेरणा तुलसी साहित्य में मिलती हैं। श्रावण मास की सप्तमी तिथि को तुलसी जयंती मनाई गई। इस तरह का आयोजन भारत वर्ष की ऋषि सत्ता की सम्माननीय परम्परा रही है। ऋषि मुनियों के इस पावन धरती पर उनकी कृतियों, आदर्शों व पावन विचारों से नई पीढ़ी को अवगत कराना, अपनी संस्कृति और अपने संस्कारों से उन्हें सुदृढ़ करना आज आवश्यक है। साधारण जन से लेकर बौद्धिक जन्मदिन तक सभी मुक्त कंठ से तुलसी साहित्य में आकंठ डूब जाते हैं। छात्राओं के मधुर कंठ से रामचरित मानस के चौपाई गायन, श्रीराम जी की स्तुति और भजन की प्रस्तुति से वातावरण भक्तिमय हो उठा और उपस्थित जन लीन हो गये। वेबिनार के इस कार्यक्रम में विद्यालय की उप- प्राचार्य काकोली नाग, प्रधानाचार्या सोनाली भट्टाचार्य, डालिया मजूमदार, हिन्दी विभाग की अध्यापिकायें रीता मिश्रा, अमिता कपूर, अर्चना शुक्ला, मधु जायसवाल और छात्राएँ उपस्थित रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत पुष्पा मिश्रा द्वारा स्वागत से किया गया। तत्पश्चात तुलसी दास के जीवन और साहित्य पर एक वृतचित्र की प्रस्तुति की गई।
कविता उपाध्याय ने बहुत सुनियोजित तरीके से मंच का संचालन किया। विभागाध्यक्ष डॉ. कुसम लता जोशी के धन्यवाद ज्ञापन से यह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। तुलसी जयंती के पावन अवसर पर विद्यालय की दो छात्रायें परिधि अग्रवाल और दिशा वरदिया ने सीकर जिला परिषद् द्वारा आयोजित वेबिनार प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर पुरस्कृत होकर विद्यालय परिवार को गौरवान्वित की। प्रचार्य सरोज कुमार श्रीवास्तव ने छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें शिक्षा के साथ- साथ अपने गरिमामय संस्कृति को भी अपनाकर चलना हैं ।आज की पीढ़ी को संस्कारों से अवगत कराकर ही हम भारत को समृद्ध कर सकते हैं ।