डिजिटल इंडिया के कॉमन सर्विस सेंटर्स के साथ ट्रांसयूनियन सिबिल ने की साझेदारी

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मुंबई : देश भर में क्रेडिट शिक्षा और वित्तीय समावेशन से संबंधित अभियान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को फिर से लागू करने के लिए ट्रांसयूनियन सिबिलकॉमन सर्विस सेंटर्स (सीएससी) के साथ साझेदारी की है। सीएससी इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय की एक विशिष्ट इकाई है। यह भारत सरकार के डिजिटल इंडिया फ्लैगशिप प्लेटफॉर्म के तहत एक विशेष पहल है जिसे सामाजिक, आर्थिक और डिजिटल रूप से समावेशी समाज को संचालित करने के लिए डिजाइन किया गया है। इस साझेदारी के साथ उपभोक्ता राष्ट्रीय स्तर पर 3.61 लाख सीएससी आउटलेट्स के माध्यम से अपने क्रेडिट स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट तक पहुंच बना सकेंगे। लोग अपने नजदीकी विलेज लेवल एंटरप्रेन्योर्स (वीएलई) के माध्यम से अपने सिबिल स्कोर के लिए आवेदन कर सकते हैं और आधार और बायोमेट्रिक जाँच के माध्यम से प्रमाणीकरण के बाद, वे अपने सिबिल स्कोर और क्रेडिट रिपोर्ट को देख सकते हैं। इस सहयोग के उद्देश्यों की जानकारी देते हुए ट्रांसयूनियन सिबिल के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ राजेश कुमार ने कहा कि चूंकि वर्तमान दौर में कोविड-19 महामारी के आर्थिक प्रभाव के कारण उपभोक्ता व्यक्तिगत वित्त संबंधी किसी भी अंतर को पाटने के लिए सुरक्षित धन की तलाश करते हैं, ऐसे में अपने सिबिल स्कोर और क्रेडिट इतिहास के महत्व को समझना क्रेडिट अवसरों को जल्दी और आसानी से एक्सेस करने के लिए महत्वपूर्ण है। सीएससी के साथ इस सहयोग के माध्यम से हम अपने देश भर के क्षेत्रीय और ग्रामीण उपभोक्ताओं तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं सीएससीएसपीवी के सीईओ डॉ दिनेश त्यागी का कहना है कि ग्रामीण नागरिकों को उनके सिबिल स्कोर और रिपोर्ट को आसानी से हासिल करने में मदद करने के लिए हम इस उद्यम में ट्रांसयूनियन सिबिल के साथ सहयोग करके खुशी का अनुभव कर रहे हैं। आसानी से और बेहतर नियम और शर्तों पर क्रेडिट अवसरों का लाभ उठाने की दिशा में आज भी ग्रामीण समुदायों में लोगों के बीच अपने सिबिल स्कोर के बारे में जागरूकता की कमी है। एक अच्छे क्रेडिट स्कोर का उपयोग उनके द्वारा बेहतर ब्याज दर के लिए मोलभाव करने के लिए किया जा सकता है।

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